गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना दूध उत्पादन बढ़ने के लिए सरकार उठाया बड़ा कदम-
मोदी सरकार ने गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजन दिसम्बर 2024में सुरु की थी इस योजना को राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन और डेअरी विकास कार्यक्रम के तहत लोंच किया था . इस योजना को 2021 से 2026तक राष्ट्रिय पशुधन योजना की छत्र योजना के तहत बढाया गया है इसका बजट 2400 करोड़ रुपये तक किया है. भारत सरकार इस योजना पर अब एक बहुत बाधा कदम उठा रही है केन्द्रीय पशुपालन मंत्री जी ने ये लिखित प्रश्न के उत्तर में ये बताया है की राष्ट्रिय गोकुल मिशन के तहत देशी गोजातीय विकास और सौरक्षण के लिए कही योजनाए लागु की जा रही है!
इसका प्राथमिक उद्देश दूध उत्पादन को बढ़ावा देना और गोजातीय पशुओ की उतापदाकता में वृधि करना है विशेष रूप से ये कार्यक्रम महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण लाभ रखता है, क्यू की वो पशुधन खेती में शामिल 70 % से अधिक श्रम का योगदान देती है! गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना दिसंबर 2014 से लागू है। यह स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण पर केंद्रित है। इसका प्राथमिक उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ावा देना और गोजातीय पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि करना है, दूध की बढ़ती मांग को संबोधित करना है और साथ ही ग्रामीण किसानों के लिए डेयरी फार्मिंग को अधिक आकर्षित बनाना है!
गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना के तहत नए कदम-
- कृत्रिम गर्भादान – देश के ग्रामीण एरिया में किसानो के घर तक गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवा की डिलीवरी करना इससे किसान आपनी पशु का गर्भाधान सही समय पर कर पाए !
- कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम – 50 किलोमीटर एरिया वाले जिल्हो में कृत्रिम गर्भाधान कवरेज बढ़ने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा!
- नस्ल गुणन फार्म की स्थापन- उद्यमिता के विकास और नये रोग मुक्त बछिया उपलब्ध करने के लिए नस्ल गुणन फार्म की स्थापना की जाएगी!
- –आईवीएफ – गोजातीय पशुओ के तीव्र अनुवांशिक उन्नयन के लिए नस्ल सुधर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा!
- संतान परिक्षण कार्यकम – योग्य अनुवांशिक संदो के उत्पादन के लिए संतान परिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा!
गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना के तहत पशु आहार और चारा आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने के कदम-
- चारा बीज उत्पादन- उच्च उपज वाली चारा किस्मों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 100 प्रतिशत प्रोत्साहन!
- उद्यमिता विकास कार्यक्रम- कुल मिश्रित राशन (टीएमआर), चारा ब्लॉक, साइलेज और सूखी घास तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना हेतु 50 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता!
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि – देश में पशु आहार, कुल मिश्रित राशन, साइलेज, बाईपास प्रोटीन, खनिज मिश्रण, आहार अनुपूरक और आहार प्रीमिक्स के बड़े पैमाने पर उत्पादन को समर्थन प्रदान करना!
केंद्र शासन योजना – किसान सन्मान निधि योजना
स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम –
गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना का उद्देश्य पशुओं की बीमारियों के मुकाबले रोगनिरोधी टीकाकरण, पशु चिकित्सा सेवाओं की क्षमता निर्माण, रोग निगरानी और पशु चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करके पशु स्वास्थ्य के लिए जोखिम को कम करना है!
गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना समर्थित प्रमुख गतिविधियों में शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता से खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर) और क्लासिकल स्वाइन फीवर (सीएसएफ) के खिलाफ टीकाकरण, राज्य को पशु रोग नियंत्रण के लिए सहायता (एएससीएडी) शामिल हैं, जो राज्य की प्राथमिकता वाले आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण विदेशी, आकस्मिक और जूनोटिक पशु रोगों के नियंत्रण के लिए है, जिसमें केंद्र और राज्य के बीच 60:40 का वित्त पोषण पैटर्न है; इसके अतिरिक्त, पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण (ईएसवीएचडी-एमवीयू) घटक के अंतर्गत, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) की खरीद और अनुकूलन के लिए शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 के अनुपात में आवर्ती परिचालन व्यय; अन्य राज्यों के लिए 60 प्रतिशत और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए शत-प्रतिशत सहायता प्रदान की जाती है, ताकि किसानों के घरों तक गोकुल मिशन पशुधन स्वास्थ योजना का टोल-फ्री नंबर (1962) से मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के द्वारा पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें, जिसमें रोग निदान, उपचार, टीकाकरण, मामूली सर्जिकल उपायों, दृश्य-श्रव्य सहायता और विस्तार सेवाएं शामिल हैं!
निष्कर्ष –
इस लेख के द्वारा आपको गोकुल मिशन स्वास्थ योजना की पुरी जाणकारी दी है! मुझे आशा है ही इस जाणकारी की मदत से आपको इस योजना की जानकारी मिला गई है!