PLI scheme : 12 क्षेत्रो के लिये 21500 करोड रुपये की राशि का वितरण

PLI scheme : 12 क्षेत्रो के लिये 21500 करोड रुपये की राशि का वितरण

PLI Scheme
PLI Scheme

 

  • PLI scheme अर्थात “Production Linked Incentive Scheme”, भारत सरकार द्वारा मार्च 2020 में “आत्मनिर्भर भारत” पहल के अंतर्गत शुरू की गई एक प्रमुख आर्थिक योजना है। इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण (manufacturing) को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता घटाना और रोजगार सृजन करना है.

शुरुआती रूप से इस स्कीम में केवल तीन उद्योग शामिल थे:

* मोबाइल एवं संबंधित कंपोनेंट,

* इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट, तथा

* मेडिकल डिवाइसेज़ 

परंतुः समय के साथ इसे 14 प्रमुख सेक्टर्स में विस्तारित किया गया, जैसे: ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स, IT हार्डवेयर, फार्मा, टेक्सटाइल, व्हाइट गुड्स, ड्रोन, EV बैटरी (ACC), सोलर मॉड्यूल आदि!

PLI scheme उद्देश और लक्ष

**घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना** – विशेष उत्पादों के उत्पादन पर आधारित प्रोत्साहन दिए जाते हैं।

2. **आयात में कमी** – महत्वपूर्ण वस्तुओं के घरेलू उत्पादन से विदेशों पर निर्भरता कम होगी।

3. **निवेश आकर्षित करना** – विदेशी व घरेलू कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जाए।

4. **रोजगार सृजन** – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

5. **निर्यात बढ़ाना** – उत्पादों का निर्यात करके अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भारत को मजबूत करना! 

वित्तीय ढांचा और अवधि

इस योजना की शुरुआत ₹1.97 लाख करोड़ की राशि से हुई। समय-समय पर इसमें संशोधन और वृद्धि की गई:

*ऑडिटेड डेटा के आधार पर, वर्ष 2024–25 के लिए ₹6,200 करोड़ का आवंटन किया गया — जिसमें कई सेक्टर्स को शामिल किया गया.

* बाद में सोलर PV मॉड्यूल्स के लिए ₹24,000 करोड़ की अलग स्कीम शुरू की गई.

* विशेषज्ञ स्टील के लिए ₹6,322 करोड़ की अलग योजना लागू हुई.

* IT हार्डवेयर (लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर आदि) के लिए ₹17,000 करोड़ ओवर 6 वर्षों की योजना चालू है.

योजना की मूल अवधि मार्च 2020 से 2025–26 तक निर्धारित थी, जिसे किसी मामलों में बढ़ाकर 2026 तक विस्तारित कर दिया गया ।

PLI scheme कैसे काम करती है

PLI स्कीम वित्तीय प्रोत्साहन आधारित है, जो कंपनियों को उनके **“incremental sales”** पर मिलता है — यानी बेस लाइन की तुलना में हो रहे अतिरिक्त उत्पादन पर:

* मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टरों में 4–6% तक की प्रोत्साहन दर।

* विशेष स्टील, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण में अलग-अलग दरें (10–20%)

इन प्रोत्साहनों के तहत कंपनियों को अंशतः पूंजीगत व्यय और संचालन खर्च पर लाभ मिलता है।

PLI scheme के प्रमुख सेक्टर्स 

📱 मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स

* मोबाइल उत्पादन में 63% वृद्धि; भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन चुका है.

* एप्पल आईफोन के निर्यात में \$10 B तक का ज़बरदस्त उछाल — लगभग 70% उत्पाद निर्यात हुआ.

* Dixon Tech जैसे घरेलू कंपनियों ने लैपटॉप, टैब, सर्वर उत्पादन में कदम रखा 

💊 फार्मा व API

* PLI से API (Penicillin G, Clavulanic Acid, आदि) का स्थानीय उत्पादन शुरू हुआ, ₹4,200 करोड़ निवेश 

* फार्मा निर्यात लगभग दोगुना होकर ₹28 B+ पर पहुँच गया ।

⚙️ खाद्य प्रसंस्करण व MSME

* बाजरा, जैविक उत्पादों का उत्पादन बढ़ा, किसानों को लाभ मिला, 2.89 लाख रोजगार ।

 🛠️ विशेष स्टील

* ₹6,322 करोड़ के निवेश के साथ 5 खास श्रेणियों में उत्पादन बढ़ा: coated, alloy, electrical steel आदि.

* सितंबर 2024 तक ₹18,300 करोड़ निवेश और 9,259 सीधे रोजगार सृजित हुए ।

☀️ सोलर PV मॉड्यूल

* प्रथम व द्वितीय चरण में ₹4,500 + ₹19,500 करोड़ योजनाएं — कुल ₹24,000 करोड़.

PLI scheme आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ 

जब कोई कंपनी PLI स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन करती है, तो उसे नीचे दिए गए दस्तावेज़ देने होते हैं (स्कीम और सेक्टर के अनुसार कुछ बदलाव हो सकते हैं):

1. **कंपनी का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (Certificate of Incorporation)**

2. **PAN और GST रजिस्ट्रेशन**

3. **MOA और AOA (Memorandum & Articles of Association)**

4. **पिछले 3 वर्षों की ऑडिटेड बैलेंस शीट और आय विवरण (Financial Statements)**

5. **प्रोजेक्ट रिपोर्ट / प्रोडक्शन प्लान**

6. **इंवेस्टमेंट डिटेल्स** – मशीनरी, प्लांट, बिल, अनुबंध आदि

7. **बैंक स्टेटमेंट्स और CA प्रमाणपत्र**

8. **Environmental Clearances (अगर आवश्यक हो)**

9. **NOC (यदि लीज पर जमीन हो)**

10. **Self-Declaration और Affidavit**

PLI scheme
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PLI scheme का लाभ कौन ले सकता है?

PLI scheme का लाभ वे कंपनियाँ ले सकती हैं जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती हैं:

1. **निर्धारित सेक्टर्स में कार्यरत कंपनियाँ:**

PLI योजना को शुरुआत में मोबाइल निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, और सोलर पीवी मॉड्यूल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया गया था। अभी तक सरकार ने लगभग **14 सेक्टर्स** को इस योजना में शामिल किया है।

2. **घरेलू या विदेशी निर्माता:**

*भारतीय कंपनियाँ* (Domestic companies)।

*विदेशी कंपनियाँ* जो भारत में निवेश करना चाहती हैं और उत्पादन इकाई (manufacturing unit) स्थापित करना चाहती हैं।

 3. **न्यूनतम निवेश और उत्पादन की शर्तें:**

PLI योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिए कंपनियों को:*

न्यूनतम निर्धारित **निवेश (investment)** करना होता है।

* और एक निर्धारित **उत्पादन लक्ष्य (production target)** को पूरा करना होता है।

  इन शर्तों को पूरा करने पर सरकार कंपनियों को उनके उत्पादन पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में **इंसेंटिव (incentive/subsidy)** देती है।

4. **नवीन तकनीक और उच्च मूल्य वर्धन (value addition):**

* जो कंपनियाँ उच्च तकनीक या अधिक मूल्य वर्धन वाले उत्पाद बनाती हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।

PLI scheme के मुख्य फायदे

1. **घरेलू विनिर्माण (Manufacturing) को बढ़ावा**

* कंपनियाँ भारत में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होती हैं।

* इससे भारत की **निर्माण क्षमता** और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी बढ़ती है।

2. **नौकरी के अवसरों में वृद्धि**

* जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ता है, वैसे-वैसे श्रमिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।

* अप्रत्यक्ष रूप से सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स में भी नौकरियाँ बनती हैं।

3. **निर्यात (Export) को बढ़ावा**

* घरेलू निर्माण से लागत घटती है, जिससे भारतीय कंपनियाँ वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनती हैं।

* इससे **भारत का एक्सपोर्ट बढ़ता है** और विदेशी मुद्रा का संचार होता है।

4. **विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करना**

* अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश करती हैं क्योंकि उन्हें उत्पादन पर इंसेंटिव मिलता है।

* इससे **उन्नत तकनीक** और **बेहतर प्रबंधन तकनीकें** भारत में आती हैं।

5. **आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा**

* रणनीतिक क्षेत्रों (जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, रक्षा) में आत्मनिर्भरता बढ़ती है।

* आयात पर निर्भरता घटती है और भारत एक **मैन्युफैक्चरिंग हब** बन सकता है।

6. **टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और नवाचार (Innovation)**

* विदेशी कंपनियों के आने से **नई तकनीकें** भारत में आती हैं।

* अनुसंधान और विकास (R\&D) पर खर्च बढ़ता है, जिससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है।

7. **MSME (छोटे और मझोले उद्यम) को अप्रत्यक्ष लाभ**

* बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन में MSMEs को मौका मिलता है।

* इससे उनका भी विकास होता है और वे प्रतिस्पर्धी बनते हैं।

PLI SCHEME WEBSITE
निष्कर्ष-  

PLI scheme ने भारत को विनिर्माण के वैश्विक मानचित्र पर खड़ा किया है। मोबाइल, फार्मा जैसे सेक्टर में उपलब्धियां प्रेरक हैं, लेकिन समग्र लक्ष्य — विनिर्माण GDP हिस्से को 25% तक बढ़ाना — अभी भी पूरा होना है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि नियामक सुधार, निवेश प्रकाशन, और वाह्य-आपूर्तिकरण बाधाओं का समाधान कब तक दक्षता से किया जाता है।

इस योजना के सुधार और विस्तार से भारत “मैक इन इंडिया” को मजबूती से आगे बढ़ा सकता है। भविष्य उज्जवल है, बशर्ते चुनौतियों को समय रहते सामना किया जाए।

पीएम किसान मानधन योजना 2025